ग़मों के दौर मुझपे आते रहे
जुदा होकर भी मिलने की फ़रियाद करे |
क्या पता कल मैं ही न रहूँ पर खुदा करे
सबके दिल में "किशन" की याद रहे ||
माँ जब तूं चलि जाएगी उस देश को
जहाँ से लौटा है न कभी कोई अपनों के पास |
मासूम ये दिल किशन का फिर भी यही कहेगा
तेरी सूरत न परछाई ही सही एक पल को आ जाती मेरे पास ||
लेखक - किशन नादान
जुदा होकर भी मिलने की फ़रियाद करे |
क्या पता कल मैं ही न रहूँ पर खुदा करे
सबके दिल में "किशन" की याद रहे ||
माँ जब तूं चलि जाएगी उस देश को
जहाँ से लौटा है न कभी कोई अपनों के पास |
मासूम ये दिल किशन का फिर भी यही कहेगा
तेरी सूरत न परछाई ही सही एक पल को आ जाती मेरे पास ||
लेखक - किशन नादान