शनिवार, 12 फ़रवरी 2011

किशन नादान

ग़मों के दौर मुझपे आते रहे
जुदा होकर भी मिलने की फ़रियाद करे |
क्या पता कल मैं ही न रहूँ पर खुदा करे
सबके दिल में "किशन" की याद रहे ||

माँ जब तूं चलि जाएगी उस देश को
जहाँ से लौटा है न कभी कोई अपनों के पास |
मासूम ये दिल किशन का फिर भी यही कहेगा
तेरी सूरत न परछाई ही सही एक पल को आ जाती मेरे पास ||

लेखक - किशन नादान

1 टिप्पणी:

Santosh Batohi ने कहा…

achha laga bahut hi hirdyatmak samwedna hai..